गाँवों में स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान करके उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से शहर की तरफ हो रहे पलायन के दर को धीमा करने के लिये, स्थानीय स्वामित्व और समुदाय आधारित उद्यमों के माध्यम से।.
इस क्षेत्र में रोजगार की बड़े पैमाने पर जरूरत है, क्योंकि कुमाऊं क्षेत्र में शिक्षित युवाओं की बढ़ती संख्या वर्तमान में बहुत सीमित आजीविका विकल्पों के साथ एक अंधकारमय भविष्य का सामना कर रही है।
हम उम्मीद करते हैं कि लघु और मध्यम अवधि में इसका गुणक प्रभाव पड़ेगा, स्थानीय रोजगार को प्रभावी ढंग से बढ़ावा मिलेगा, रोजगार का सृजन होगा और अधिक से अधिक लोगों को उद्यमशीलता को एक मजबूत विकल्प के तौर पर चुनाव के लिये प्रोत्साहन मिलेगा। हम संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्य संख्या 8 पर काम कर रहे हैं, जिसका लक्ष्य युवाओं के बेरोजगारी के समस्या से निपटना तथा उन्हें अवसर प्रदान करना है।