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उद्यमिता पर पहला कोहर्ट सफलतापूर्वक समाप्त

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अल्मोड़ा, 27 जनवरी, 2020: उद्यमिता पर पहले और दूसरे कॉहोर्ट के बीस से अधिक उद्यमी वित्तीय साक्षरता और डिजिटल बैंकिंग पर एक-दिवसीय कार्यशाला में भाग लेने के लिए और पहले कॉहोर्ट के उद्यमियों के समापन समारोह में भाग लेने के लिए अल्मोड़ा के जीवन पैलेस होटल में एकत्रित हुए।

कार्यशाला की शुरुआत उद्यम के संस्थापक पंकज वाधवा और प्रमुख अंजलि नबियाल ने उद्यमियों का स्वागत करके और दिनभर की  गतिविधियों के बारे में अवगत करवा के किया। फिर उन्होंने बर्डसॉंग कैफ़े, भीमताल की सह-संस्थापक कल्याणी मिराजकर को क्रॉस-लर्निंग (एक दूसरे के अनुभव से सीख लेने) के सत्र को लेने के लिए आमंत्रित किया।

सत्र की शुरुआत उद्यमियों की दो-दो की टीम बनाकर उन्हें अपने साथी के व्यवसाय और उनके सामने आ रही चुनौतियों के बारे में जानने के लिए कहा गया। फिर हर उद्यमी को अपने साथी के द्वारा सामना की गई चुनौतियों और पायी गयी सफलता के बारे में बोलने को कहा गया। जो चुनौतियाँ बहुत सी टीम द्वारा बतायी गयी उनमे से कुछ हैं: एक नया व्यवसाय शुरू करने के लिए आत्मविश्वास; प्रतिस्पर्धियों और बाजार की पहचान करना; स्टाफ से संबंधित मुद्दे; माल का परिवहन; मार्केटिंग; और बाहरी कारक जैसे मौसम थे।

टीमों द्वारा बतायी गई चुनौतियों के आधार पर प्रतिभागियों को इन चुनौतियों के समाधान पर विचार-मंथन करने के लिए तीन-तीन के समूहों में विभाजित किया गया। विचार करने के बाद हर टीम ने एक प्रस्तुति दी जो सभी उद्यमियों के साथ चर्चा और इन चुनौतियों के समाधान को लेकर उनके अनुभवों से और समृद्ध हुई।

ललिता बिष्ट, हमारी पहली बैच की एक उद्यमी, ने अपने ब्यूटी पार्लर में ग्राहकों की गिरावट आने के बाद के अपने अनुभव को बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने ग्राहकों को ऊनी कपड़े और खिलौने भी बेचने शुरू किया और केक भी बनाना सीखा ताकि वो अपने ग्राहकों के लगातार सम्पर्क में रहें।

नारायण सिंह, हमारे पहले बैच की एक उद्यमी जो टेरी के साथ एक कृषि विज्ञानी के रूप में भी काम करते हैं, ने एक ऐसे एकीकृत दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता पर जोर दिया जिसमें उद्यमी एक दूसरे के सहयोग से मिल कर काम करते हैं। पंकज वाधवा ने अपने हस्तक्षेप में सभी उद्यमियों की सराहना की और एक स्पष्ट उत्पाद दृष्टि, लगातार अपनी क्षमताओं और कौशल को बढ़ाने, और अपनी सेवाओं को और बेहतर बनाने की बात पर ज़ोर दिया। 

इस सत्र के बाद इंडिया फेलो की सह-संस्थापक अनुपमा पेन ने वित्तीय साक्षरता पर सत्र लिया। उन्होंने उद्यमियों से यह पूछकर अपने सत्र की शुरुआत की कि क्या वे बहीखाता का रोज़ इस्तेमाल करते हैं? फिर उन्होंने उदाहरण के साथ बहिखाता के उपयोग के फ़ायदे बताए और बहिखाता में प्रविष्टि करने का तरीक़ा बताया।

दिन का दूसरा सत्र डिजिटल बैंकिंग पर स्थानीय भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों द्वारा लिया गया। अपने सत्र के दौरान अधिकारियों ने उद्यमियों को योनो ऐप, पीओएस मशीन, यूपीआई आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन सभी के माध्यम से वे अपने व्यवसाय के आसानी के साथ चला सकते हैं और अपनी यात्रा और लेनदेन की लागत को बचा सकते हैं।

कार्यशाला का समापन पंकज वाधवा ने सिबिल स्कोर और किश्तों का नियमित भुगतान करने की आवश्यकता के बारे में बताकर किया। इसके बाद पहले बैच के सभी उद्यमियों को ट्रॉफी का वितरण किया गया।